Friday, October 9, 2020

                आँसू 

                                            डाक्टर . वोलेटि नरसिंह रावु

 आँसू आँसू  हर्ष में तपन में टप टप कर तू गिरता

छिप छिप कर उबल कर आता तू दिल  के   कथा कहलाता ||

 जब बच्चा पैदा होता और उगकर उन्नति करता

हर्षातिरिक से तू आता तब सुख का हिस्सा बन जाता ||

 जब बच्चा रोगग्रस्त होता उन की बाधा देखी न जाती

तू उबल उबल कर आता तब दुःख का हिस्सा बन जाता ||

 वेदना में रोदन में करुणावस्था में

करुणाकर की याद में सांत्वना में भी तू आता ||

 दीनता में तू आता दीन की सहायक में तू आता

चाहे तो ग्लिसरिन से तू बाहर आता

मगर पत्थर दिल में कहाँ समाता ||

 मानव की राक्षस प्रवृत्ति में मानव मानव को सताने में

हैरत तू कभी न आता तब तू कहाँ छिप जाता ||

 आँखों में धूलपतन में नदियाँ जैसा बहकर आता

किसी का खेद पात में कभी कभी क्यों प्रस्तुत होता ? ||

 तुम्हरी रूचि नमकीन मगर हिंसक में रसहीन

तू किसी किसी में स्वाधीन किन्तु हिंसक में पराधीन ||

 अगर हिंसक में भी तू जन्म लेता और उनको चेत करता

तब दानव फरिस्ता बन जाता जग में कुछ शांति के प्रबंध होता ||

डाक्टर . वोलेटि नरसिंह रावु (V. NarasimharaoPlot No: - B 86,

Dayalnagar , Vishakhapatnam -43 A.P 07842372908


 

 

No comments: